tag:blogger.com,1999:blog-1975713416361186612024-03-01T11:09:08.188+05:30गौरेयापक्षियों के संरक्षण के प्रति एक सार्थक मुहिम।HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-84367828231359267332018-03-20T21:48:00.000+05:302018-03-20T21:48:06.110+05:309वें विश्व गौरैया दिवस पर गौरैया और उनके संरक्षण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
गौरैया एक घरेलू चिड़िया है। सामान्य तौर पर यह इंसानों के रिहायशी इलाके के आस-पास ही रहना पसंद करती है। शहरी इलाकों में गौरैया की 6 प्रजातियां पाई जाती हैं। हाउस स्पैरो (House Sparrow), स्पेनिश स्पैरो (Spanish Sparrow), सिंड स्पैरो (Sind Sparrow), डेड सी स्पैरो (Dead Sea Sparrow) और ट्री स्पैरो (Tree Sparrow)। हाउस स्पैरो के शरीर पर छोटे-छोटे पंख, पीली चोंच, पीले पैर होते हैं। इसकी लंबाई लगभग HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-39104954090638088212018-03-20T21:34:00.004+05:302018-03-20T21:34:39.613+05:30कभी मेरे घर भी आना गौरैया! - आबिद सुरती
कहां गई गौरैया? क्यों नहीं दिखती गौरैया? सवाल और भी हैं। सवाल सबके लिए हैं। हम पहली बार जिस पक्षी से परिचित हुए थे, वह गौरैया थी। जिस पक्षी के लिए आंगन में अनाज के दाने बिखेरे जाते थे, वह थी गौरैया। लोकगीतों में जिस पक्षी का वर्णन सबसे पहले और ज्यादा मिलता था, वह थी गौरैया। लेकिन अब हम सबकी प्यारी गौरैया घर आंगन में चहकती नहीं दिखती। यह पर्यावरण का नहीं, संस्कृति का भी संकट है।
साल HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-67312918545623380272017-06-24T20:00:00.001+05:302017-06-24T20:00:26.471+05:30तब सिर्फ किताबों में मिला करेगी गौरैया
साभार : Encyclopedia Britannica
मुझे आज से पांच दशक पहले का समय याद आता है, जब घर के आंगन में गौरैया बेखौफ फुदकती थी और घर वालों को उसका फुदकना, चहचहाना बहुत भाता था। उसकी चहचहाहट को घर के लिए शुभ माना जाता था, लेकिन आज उसी गौरैया के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। ऐसा लगता है कि उनके बिना घर का आंगन सूना है। भारत, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कई अमेरिकी देशों में पाई जाने वाली गौरैया अब HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-82320285988781293662015-07-08T06:39:00.000+05:302015-07-08T06:46:29.410+05:30आईबीसीएन तैयार करेगी केरल राज्य के पक्षियों का एटलस
चित्र साभार :- IBCN की फेसबुक वॉल से
इंडियन बर्ड कंजर्वेशन नेटवर्क ( आईबीसीएन ) ने केरल के पक्षियों का वर्गीकरण कर उसका एटलस तैयार करने का निर्णय लिया है। यह किसी भी भारतीय राज्य का पहला बर्ड एटलस होगा। बर्ड एटलस क्षेत्र विशेष में मौजूद पक्षियों की जानकारी देता, साथ ही, यह उस क्षेत्र में पक्षियों के आवागमन और उनकी उपस्थिति का सही रुझान भी बताता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, आईबीसीएन पक्षी HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-56762668475238781792015-06-30T13:59:00.001+05:302015-06-30T13:59:27.397+05:30पिता के गुण दर्शाने के लिए गीत गाते है नर बुलबुल
पक्षियों के कूकने, चहकने व गीत गाने के पीछे भले ही जो कारण होता हो लेकिन एक नए शोध के अनुसार नर बुलबुल खुद में बेहतर पिता के गुण को दर्शाने के लिए गीत गाता है। जर्मनी के फ्रेई यूनिवर्सिटी की ओर से किए अध्ययन में पाया गया कि बुलबुल में बेहतर गायक अपने बच्चों का बेहतर तरीके से पालन पोषण करेगा।
नर बुलबुल अपनी गायन क्षमता को साथी मादा को दिखाने के लिए अपने गीतों को ज्यादा व्यवस्थित तरीके से HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-72415727219472335512014-03-20T13:04:00.000+05:302014-03-20T13:04:07.649+05:30विश्व गौरैया दिवस
आज विश्व गौरैया दिवस है। विश्व गौरैया दिवस पहली बार वर्ष 2010 ई. में मनाया गया था। यह दिवस प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को पूरी दुनिया में गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
जैसा कि आप सबको विदित है की गौरैया आजकल अपने अस्तित्व के लिए हम मनुष्यों और अपने आस पास के वातावरण से काफी जद्दोजहद कर रही है। ऐसे समय में HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com15tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-83017152385562734502014-02-04T22:30:00.001+05:302014-02-04T22:30:38.540+05:30अगर गौरैया गायब हुई तो हम भी नही बचेंगे ..!!
नमस्कार मित्रो ,
सबसे पहले हर्षवर्धन जी को मेरा शुक्रिया इस ब्लॉग में लेखक के रूप में शामिल करने के लिए . हर्षवर्धन जी की गोरैया के लिए ब्लॉग बनाकर चलाई गयी मुहिम स्वागत योग्य है . मैंने इससे पहले अपने ब्लॉग
मुकेश पाण्डेय चन्दन में पक्षी श्रृंखला
में भी गौरैया सहित कई भारतीय पक्षियों के बारे में लिखा है . आप ऊपर दी गयी लिंक में पढ़ सकते है .
भारतीय पारिस्थितिकी के लिए मुकेश पाण्डेय चन्दनhttp://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-82315738328735014812014-02-03T15:15:00.000+05:302014-02-03T20:35:52.238+05:30गौरैया के नाम
वैसे हमारे देश भारत में गौरैया को कई नामों से पुकारा जाता है। जैसे गौरा और चटक। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी इस घरेलू पक्षी (गौरैया) के और क्या - क्या नाम हैं ? उर्दू में गौरैया को चिड़िया तथा सिंधी भाषा में झिरकी भी कहा जाता है। गौरैया को भोजपुरी में चिरई तथा बुन्देली में चिरैया कहते हैं। इसे भारत के कई राज्यों में भिन्न - भिन्न नामों से पुकारा जाता है जैसे ,,,,,
जम्मू और कश्मीर HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com17tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-66107913380305124102013-07-27T21:37:00.002+05:302013-07-30T21:01:30.429+05:30 प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक : डॉ . सालिम अली
चित्र साभार : en.wikipedia.org
सालिम मोईनुद्दीन अब्दुल अली( डॉ . सालिम अली) का जन्म 12 नवंबर, 1896 में वर्तमान मुंबई के सुलेमान बोहरा मुस्लिम परिवार में हुआ था। सलीम के पिता मोईनुद्दीन की मृत्यु उनके जन्म के 1 साल बाद हो गई थी। बाद में 3 साल की उम्र में सलीम की माँ जीनत उन्निसा भी चल बसी। इनके मामा अमीरुद्दीन और मामी हमीदा बेगमHARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com28tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-19492853703932721352013-03-20T22:03:00.000+05:302013-07-27T20:49:09.824+05:30"विश्व गौरैया दिवस" पर विशेष।
एक-दो दशक पहले हमारे घर-आंगन में फुदकने वाली गौरैया आज विलुप्ति के कगार पर है। इस नन्हें से परिंदे को बचाने के लिए हम पिछले तीन सालों से प्रत्येक 20 मार्च को "विश्व गौरैया दिवस" के रूप में मनाते आ रहे हैं, ताकि लोग इस नन्हीं सी चिड़िया के संरक्षण के प्रति जागरूक हो सके। यह दिवस पहली बार वर्ष 2010 में मनाया गया था। भारत में गौरैया की संख्या घटती ही जा रही है। कुछ HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com42tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-30493169181643201912013-01-29T17:42:00.000+05:302013-07-27T20:50:01.909+05:30एक जानकारी गौरेया के बारे में।
गौरेया पासेराडेई परिवार की सदस्य है, लेकिन कुछ लोग इसे वीवर फिंच परिवार की सदस्य मानते हैं। इनकी लम्बाई 14 से 16 सेंटीमीटर होती है तथा इनका वजन 25 से 32 ग्राम तक होता है। एक समय में इसके कम से कम तीन बच्चे होते है। गौरेया अधिकतर झुंड में ही रहती है। भोजन तलाशने के लिए गौरेया का एक झुंड अधिकतर दो मील की दूरी तय करते हैं। यह पक्षी कूड़े में भी अपना भोजन ढूंढ़ लेते है।
गौरेया आज संकटग्रस्त HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com25tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-42885246746436821842012-08-20T22:24:00.000+05:302013-07-27T20:50:01.912+05:30रेडिएशन का असर।
पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक मोबाइल टावर के रेडिएशन से पक्षियों और मधुमक्खियों पर बहुत ही बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए इस मंत्रालय ने टेलिकॉम मिनिस्ट्री को एक सुझाव भेजा है। जिसमे एक किमी के दायरे में दूसरा टावर ना लगाने की अनुमति देने को कहा गया है और साथ ही साथ टावरों की लोकेशन व इससे निकलने वाले रेडिएशन की जानकारी सार्वजनिक करने को भी कहा गया है,जिससे इनका रिकॉर्ड रखा जा सके।
&HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-53729206606873458862012-08-05T23:08:00.000+05:302013-07-27T20:50:01.915+05:30गौरेया को बचाओ !
ये जो पक्षी है जिसका चित्र आप इस ब्लॉग में देख रहे है! इसका नाम गौरेया(SPARROW) है! वर्तमान समय में इसकी स्थिति ये हो गयीं है की ये पक्षी अब शहरो HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-197571341636118661.post-14384025031415963282012-07-31T12:52:00.000+05:302013-07-27T20:50:01.907+05:30गौरेया प्यारा नाम
गौरेया कितना प्यारा नाम है । शायद तभी हमारे देश में एक जिले का नाम ओरेया है । माफ़ करिए गा मजाक कर रहा था । गौरेया एक ऐसी चिड़िया है जिसका अस्तित्व वर्तमान समय में बहुत खतरे में है । इसलिए हमे अब नींद से जागना होगा और इनको बचाने के लिये प्रयत्नशील होना होगा ।इसलिए मेरी बुद्धिमान लोगो से विनती है की वो इनको बचाने के लिए आगे आये । धन्यवाद ।
HARSHVARDHAN http://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.com0