
ये जो पक्षी है जिसका चित्र आप इस ब्लॉग में देख रहे है! इसका नाम गौरेया(SPARROW) है! वर्तमान समय में इसकी स्थिति ये हो गयीं है की ये पक्षी अब शहरो से बिलकुल ही गायब हो चूका है और अब गौरेया केवल गावो में ही दिखाई देती है! लेकिन ये सच नहीं है गौरेया शहरो से बिलकुल गायब नहीं हुई है ये अभी भी यहाँ पर दिखाई दे जाती है!आय दिन ये किसी की छतो पर , बिजली की तारो पर और कभी-कभी घास के मैदानों पर भी दिख जाती है! इसे बचाने के लिए भारत सरकार को आगे आना चाहिए जैसे वो बाघों(Tigers) और शेरो(Lions) को बचाने के लिए आगे आयी है, भारत सरकार न सही राज्य सरकारों को तो गौरेया बचाने के लिए तो आगे आना ही चाहिए!!! आप सब ये ना सोचे की सरकार ही केवल इनका संरक्षण करके इन्हें बचा सकती है हम लोग यानि आम लोग भी इनको बचाने में सहायता कर सकते है पर कैसे? सबसे पहले आप अपनी छत या छज्जे पर एक अच्छी-सी साफ-सुथरी जगह ढूंढे ऐसी जगह खुली ही होगी ऐसा मेरा मानना है और वहां पर छाव हुई तो वो तो सोने पर सुहागा-होगी क्योंकी इन्हें छावदार जगह पसंद है! फिर आप वहां पर एक मध्यम आकार के दीये में चावल के छोटे-छोटे दाने करके रख दे ( ध्यान रहे चावल के दाने बड़े ना हूँ) और उसके बाद एक मिटटी के बर्तन में इनके पीने योग्य पानी रख दे! बस इतना करने से ही हम लोग इनकी बहुत मदद कर सकते है!मेरी बात सुनने के लिए धन्यवाद!
बेहतरीन रचना एवं अभिव्यक्ति के लिए आभार
जवाब देंहटाएंगाँवोँ मेँ भी अब लुप्त हो रही है गौरेया।
जवाब देंहटाएंपक्के मकान बन गये गौरेया को घोँसला बनाने की जगह नहीँ बची।
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मेरे विचार से अधिकतर पक्के मकान बन जाने के कारण गौरैयाओं को घोसला बनाने की जगह नहीँ मिलती l मैने अपने घर के बाहर लकड़ी के bird house बनाकर लगाये हैं और आशानुरूप उनमे गौरैयाओं ने घोसले बनाये हैं l
जवाब देंहटाएंkal dosto ke sath bait kr purani bate kr rha tha ki aj ki duniya me kya kya badal gya ,tb achanak dhayan aaya ki ab goraiya to dikhti hi ni h ,bahut chinta ki bat h ki pyari si chiriya ab vilupti ki kgar pr h ..pr aj se hi main uske liya kuch krna chahta hu ,or is jankari ke liye HARSHVARDHAN ji ka sukriya
जवाब देंहटाएंचावल धीमे जहर का काम करता है पक्षियों के लिए , इससे आवश्यक पोषण की कमी होती है , अगर लगातार चावल पर गौरैया को पाला जाए तो आने वाली पीढ़ी में बीमारी ज्यादा आएगी ।।
जवाब देंहटाएंमोबाईल फोन का कम इसतेमाल करे इससे रेडियेसन कम होगा कयोंकि बढता रेडियेसन भी गाैरैया की माैत का कारण है
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