इन पक्षियों की प्रजातियों पर है सबसे ज्यादा खतरा :- गौरेया, मैना, तोता, कौआ, उच्च हिमालीय प्रवासी पक्षी आदि।
रेडिएशन से वन्य जीवों के हार्मोनल बैलेंस पर हानिकारक असर होता है जिन पक्षियों में मैग्नेटिक सेंस होता है और जब ये पक्षी विध्दुत मैग्नेटिक तरंगों के इलाक़े में आते हैं तो इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तरंगो की ओवर लेपिंग के कारण पक्षी अपने प्रवास का रास्ता भटक जाते है। वैज्ञानिको के मुताबिक मोबाइल टावर के आसपास पक्षी बहुत ही कम मिलते हैं। वैज्ञानिको के अनुसार रेडिएशन से पशु-पक्षियों की प्रजनन शक्ति के साथ-साथ इनके नर्वस सिस्टम पर भी बहुत विपरीत असर होता है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :-
(1) भारत में 4.4 लाख से ज्यादा मोबाइल टावर हैं।
(2) भारत में पक्षियों की 1301 प्रजातियाँ हैं,जिनमे से 42 लुफ्त होने की कगार पर हैं।
(3) भारत में लगभग 100 से ज्यादा प्रवासी पक्षी आते हैं।
अच्छी जानकारी दी ....चहकती रहे गौरैया
जवाब देंहटाएंदिवाली की शुभकामनायें
अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंVery good post
जवाब देंहटाएंगौरैया घर में न आए तो चहके कौन? सुबह सुबह उन के लिए दाना और पानी दोनों की व्यवस्था है। उन की चहक से ही घर का सूनापन टूटता है।
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी
जवाब देंहटाएंयहाँ भी पधारें और लेखन पसंद आने पर अनुसरण करने की कृपा करें |
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अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद। :)
हटाएंरोचक जानकारी
जवाब देंहटाएंआपका भी हार्दिक धन्यवाद। :)
हटाएंMere ko goryiya ka ak bcha Mila h road pr muje nhi pta m Isko kya khilau .. Vo bhut chota h
जवाब देंहटाएंबङी गम्भीर बात है
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